न्यूज़ डेस्क: बिहार में पिछले चार-पांच दिनों से लोग भीषण गर्मी के प्रकोप से परेशान हैं. दरअसल लगातार शुष्क पछुआ हवा चलने से मौसम ने तल्ख तेवर अख्तियार किया हुआ है. मार्च में अधिकतम तापमान अब तक 27 मार्च 1988 को भागलपुर में दर्ज किया गया था. इस दिन भागलपुर का तापमान अधिकतम तापमान 42.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था लेकिन जिस तरीके का मौसम है, उसमें मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस बार यह रिकॉर्ड टूट सकता है.
रविवार को पटना का न्यूनतम तापमान 30.4 डिग्री दर्ज किया गया था जो सामान्य से 6 डिग्री सेल्सियस अधिक है. शनिवार को तापमान 21.4 डिग्री सेल्सियस था. मौसम विभाग के पूर्वानुमान में इस बात की संभावना जताई गई है कि अगले तीन दिनों में बिहार का तापमान सामान्य से 3 से 4 डिग्री सेल्सियस और बढ़ सकता है. 24 मार्च तक पटना के अलावा पूरे बिहार का अधिकतम तापमान 40 डिग्री तक पहुंच जाएगा जबकि न्यूनतम तापमान 24 डिग्री के आसपास रहेगा.
अगर रविवार की बात कर लें तो पटना का अधिकतम तापमान 38.2 डिग्री दर्ज किया गया, जो कि सामान्य से 5 डिग्री अधिक है. वैसे बंगाल की खाड़ी में साल के पहले चक्रवाती तूफान आसनी ने दस्तक दे दी है लेकिन पटना मौसम विभाग के वैज्ञानिकों की मानें तो इस तूफान का असर फिलहाल बिहार में देखने को नहीं मिलेगा. यह तूफान अंडमान निकोबार की तरह बढ़ता जा रहा है.
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