DESK: इस साल चैत्र नवरात्रि 02 अप्रैल से शुरू हो रही है, जो कि 11 अप्रैल तक रहेगी. इस साल एक भी तिथि का क्षय ना होने से ये धार्मिक पर्व नौ दिनों तक माता रानी की आराधना के साथ मनाया जाएगा. खास बात ये है कि इन नौ दिनों में कई ऐसे योग बन रहे हैं, जो सर्व फलदायी हैं. हालांकि, इस बार मां दुर्गा की सवारी अनहोनी की ओर इशारा कर रही है क्योंकि इस बार मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं. मां का ऐसा आगमन शुभ नहीं माना जाता। इससे कई गंभीर परिणाम देखने को मिलते हैं.
वहीं जब मां दुर्गा जब हाथी पर सवार होकर आती हैं तो ज्यादा पानी बरसता है. नौका पर सवार होकर माता रानी आती हैं तो शुभ फलदायी होता है. अगर मां डोली पर सवार होकर आती हैं तो महामारी का अंदेशा होता है. इसी तरह मां दुर्गा मुर्गे पर सवार होकर जाती हैं तो जनता में दुख और कष्ट बढ़ता है. हाथी पर सवार होकर प्रस्थान करने से बारिश ज्यादा होती है. मां दुर्गा अगर मनुष्य की सवारी करके जाती हैं तो सुख-शांति बनी रहती है.
नवरात्रि में कलश स्थापना की प्राचीन परंपरा है. कलश स्थापना के लिए सही तिथि और मुहूर्त का बड़ा महत्व होता है. वैसे तो पूरे दिन भर कलश स्थापना की जा सकती है, लेकिन प्रतिपदा तिथि में ही कलश स्थापना का विशेष विधान है. पंचांग के अनुसार, सूर्योदय से लेकर के दिन में 12 बजकर 28 मिनट तक कलश स्थापित कर लिया जाए तो अति उत्तम होगा।.उसमें भी यदि शुभ चौघड़िया प्राप्त हो जाए तो और भी शुभ फल की वृद्धि हो जाती है. सुबह 7 बजकर 30 मिनट से लेकर के 9 बजे बजे तक और दोपहर में 12 बजे से लेकर के 12 बजकर 28 मिनट तक शुभ चौघड़िया प्राप्त हो रही हैं, जो कलश स्थापना के लिए सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त होगा.
इस साल की खास बातों में सबसे अधिक महत्वूपूर्ण बात ये होने वाली है कि इस साल राम नवमीं पुष्य नक्षत्र में आएगी. कहते हैं भगवान श्रीराम के लिए ये बेहद खास रहने वाली है.ऐसी मान्यता है कि भगवान श्रीराम अधिकतर पुष्य नक्षत्र में ही बाहर निकलते थे. कहते है इसका महत्व श्रीराम की नगरी ओरछा के लिए बेहद खास होने वाला है.
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