International Women’s Day: दुनिया भर में हर साल 8 मार्च को महिला दिवस मनाया जाता है. ये दिन महिलाओं की उपलब्धियों को समर्पित है.महिलाओं को मान-सम्मान देने के लिए हर साल 8 मार्च को इंटरनेशनल विमेंस डे के रूप में मनाया जाता है. इस दिन महिलाओं की उपलब्धियों और के लिए इसका जश्न मनाया जाता है. इस खास दिन को मनाने का मकसद उन महिलाओं की उपलब्धियों, उनके जज्बे, उनकी ऐतिहासिक यात्राओं और उनके जीवन को याद करना हैं.
2022 के लिए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की थीम
हर साल महिला दिवस किसी ना किसी थीम पर आधारित होता है. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक इस बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2022 (IWD 2022) की थीम ‘जेंडर इक्वालिटी टुडे फॉर ए सस्टेनेबल टुमारो’ यानी मजबूत भविष्य के लिए लैंगिक समानता जरूरी है. बीते साल 2021 में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की थीम “महिला नेतृत्व: कोविड-19 की दुनिया में एक समान भविष्य को प्राप्त करना” (“Women in leadership: an equal future in a COVID-19 world”) रखी गई है.
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मथुरा में होली
मथुरा में मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर होली खेली जाएगी. विधवा और बुजुर्ग महिलाएं मंगलवार को होली खेलेंगी. मथुरा में इस दौरान विशेष संस्कृति कार्यक्रम आयोजित होंगे.
महिलाओं का खास का अहसास
महिलाएं हमारे जीवन में कई अहम रोल निभाती हैं. कभी मां के रूप में तो कभी बहन के रूप में, तो कभी एक पत्नी के रूप में. इस दिन दुनिया भर में महिलाओं के जीवन में सुधार लाने, उनकी जागरुकता बढ़ाने जैसे कई विषयों पर जोर दिया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हर साल 8 मार्च को ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस क्यों मनाया जाता है? आखिर इसके पीछे ऐसा क्या कारण है आइए जानते हैं…
जानें इस दिन का इतिहास 1908 में हुई थी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत एक आंदोलन के रूप में हुई थी. आज से करीब 113 साल पहले साल 1908 में इसकी शुरुआत हुई थी, जब अमेरिका के शहर न्यूयॉर्क में करीब 15 हजार महिलाओं ने मार्च निकालकर नौकरी में कम घंटों, अच्छी सैलरी और वोटिंग के अधिकार की मांग कर रही थीं.
सबसे पहले 28 फरवरी 1909 को मनाया गया
सबसे पहले अमेरिका में सोशलिस्ट पार्टी के आह्वान पर इस दिवस को 28 फरवरी 1909 में मनाया गया है. बाद में 1910 में सोशलिस्ट इंटरनेशनल के कोपेनहेगन सम्मेलन में इसे अन्तर्राष्ट्रीय दर्जा दिया गया. महिलाओं के इस आंदोलन को सफलता मिली, और एक साल बाद ही सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने इस दिन को राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित कर दिया, जिसके बाद इसकी शुरुआत हो गई.
जानें 8 मार्च को ही क्यों मनाया जाता है महिला दिवस ?
रूस की महिलाओं ने ब्रेड एंड पीस की मांग को लेकर 1917 में हड़ताल की थी. ये हड़ताल फरवरी के आखिरी रविवार को शुरू हुई और यह एक ऐतिहासिक हड़ताल साबित हुई. जब रूस के जार ने सत्ता छोड़ी तब वहां की अन्तरिम सरकार ने महिलाओं को वोट देने के अधिकार दिया.
जानें महत्व?
आज के बदलते समय के साथ इसको मनाने का तरीका भी बदल गया. इस दिन को मनाने का उद्देश्य महिलाओं के प्रति सम्मान और उनको समाज में बराबरी का दर्जा दिलाना है. महिलाओ को लेकर समाज के लोगों को जागरूक करने, महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने जैसी चीजों के प्रति उन्हें जागरूक करने के लिए हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. महिलाओं के हौसलों को बुलंद करने और समाज में फैले असमानता को दूर करने के लिए ही हर वर्ष महिला दिवस मनाया जाता है.
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